CBSE 12 Sample paperClass 12(xii) Hindi

बगुलों के पंख – सार


बगुलों के पंख – उमाशंकर जोशी


सारांश


कवि काले बादलों से भरे आकाश में पंक्ति बनाकर उड़ते सफेद बगुलों को देखता है। वह उनके सौंदर्य में खो जाता है। वह इस नयनाभिराम दृश्य में अटका सा रह जाता है। लेकिन वह इस माया से बचने के लिए गुहार लगा रहा है। कवि सोचता है क्या यह सौंदर्य से बाँधने और बिंधने की चरम स्थिति है।