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फादर कामिल बुल्के


प्रश्न. फादर को याद करना एक उदास, शान्त संगीत को सुनने जैसा है ‘मानवीय करुणा की दिव्य चमक’ पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।

उत्तर : फादर की मृत्यु के पश्चात उनकी अनुपस्थिति सभी को, विशेषकर लेखक को बहुत खलती थी। जिस प्रकार उदास-शान्त संगीत को सुनने पर एक निस्तब्धता सी छा जाती है और आँखें भर उठती हैं, उसी प्रकार फादर को याद करते ही लेखक के स्मृति पटल पर फादर के साथ बिताए हुए एक-एक पल जीवंत हो उठते हैं और उनको याद करके लेखक का मन अवसाद और शान्ति के सागर में डूब जाता है। इसीलिए लेखक ने फादर की याद को एक उदास शान्त संगीत सुनने जैसा कहा है।