फादर कामिल बुल्के
प्रश्न. लेखक की दृष्टि में फ़ादर का जीवन किस प्रकार का था?
उत्तर – वे संन्यासी होते हुए भी बहुत आत्मीय, स्नेही और अपनत्व भरे थे।
वे राष्ट्रभाषा हिंदी के प्रबल समर्थक थे।
वे करुणावान थे।
उनके मुख पर करुणा और सांत्वना के शांतिदायक भाव विराजमान रहते थे।
अथवा
उत्तर : फादर कामिल बुल्के संन्यासी होते हुए भी मन से संन्यासी नहीं थे। वह सांसारिक नाते-रिश्ते भी बनाते थे। उनका मन ममता, स्नेह, वात्सल्य और करुणा से ओत-प्रोत था। अपने आत्मीयों के लिए उनके हृदय में स्नेह और करुणा का आत्मीय सागर लहराता था। वे राष्ट्रभाषा हिंदी के प्रबल समर्थक थे। हिंदी को राष्ट्रभाषा के पद पर प्रतिष्ठित करने के लिए उन्होंने निरंतर प्रयास किया। वे करुणावान थे। मुख पर करुणा और सांत्वना के शांतिदायक भाव विराजमान रहते थे।