प्रश्न – ‘है टूट पड़ा भू पर अंबर!’ ‘पर्वत प्रदेश में पावस’ कविता में कवि ने ऐसा क्यों कहा है?
उत्तर – ‘पर्वत प्रदेश में पावस’ कविता में ‘है टूट पड़ा भू पर अंबर!’ पंक्ति द्वारा कवि वर्षा के विकराल रूप को दिखाना चाहता है। कवि कहता है कि वर्षा इतनी तेज गति से हो रही है, मानो धरती पर आकाश टूट पड़ा हो। कवि ने इस पंक्ति के द्वारा पर्वतीय इलाके में वर्षा के बाद होने वाले स्वर को दिखाने का सफल प्रयास किया है।