प्रश्न. इफ़्फ़न ‘टोपी शुक्ला’ पाठ का एक महत्वपूर्ण पात्र है, कैसे? विस्तार से समझाइये।
उत्तर : बड़े भाई साहब स्वयं फेल हो गये और छोटा भाई कक्षा में अव्वल आया तब उसके स्वभाव में आए परिवर्तन को देखकर बड़े भाई ने उसे डाँटकर समझाया कि परीक्षा पास कर लेने से मानसिक विकास नहीं होता। उनकी बातों को सुनकर छोटे भाई के मन पर पड़ा भ्रम का परदा दूर हो जाता है और उसको समझ में आ जाता है कि उनके डाँटने में उसी की (छोटे भाई की) भलाई की भावना है। वे उससे बड़े हैं और छोटे भाई की भलाई के विषय में सोचना उनका अधिकार है क्योंकि वे उससे अधिक अनुभवी हैं और उसे बहुत प्यार करते हैं। इस प्रकार छोटे भाई की दृष्टि में बड़े भाई साहब का स्थान और भी बड़ा हो जाता है। यदि हमारे बड़े भाई ऐसा करते तो हमारे मन में उनके प्रति श्रद्धा का भाव बढ़ जाता और हम जीवन भर उनके आदर्शों पर चलते।