प्रशंसा उन्हीं से चाहें, जिनका आप सम्मान करते हैं।
कोई भी काम करना हो –
- कपड़े चुनना
- घर खरीदना
- घर सजाना
- कार खरीदना
- नौकरी करना
हम में से बहुत से लोग यह चिंता करने लगते हैं कि
- दोस्त क्या कहेंगे ?
- क्या उन्हें यह अच्छा लगेगा ?
- क्या वे मुझ पर हंसेंगे ?
- क्या वे मेरा मजाक उड़ाएंगे ?
यह सब सोचने में व्यर्थ ऊर्जा लगाने की बजाय, अगर वह काम नैतिक और कानूनी दृष्टि से सही है तो उसे कर लेना चाहिए।
जो लोग हमेशा आपके काम की आलोचना करते हैं या यह सोचते हैं कि आपका व्यवहार हमेशा उनके मानदंडों के अनुरूप होना चाहिए, वे लोग तब साथ नहीं होंगे, जब आपको धन, नौकरी या मदद की जरूरत होगी।
जो लोग यह सोचते हैं कि आप भी
- उन्हीं की तरह सोचें,
- उन्हीं की तरह काम करें
- उन्हीं के इशारों पर नाचें
उन्हें यह देखने में सुकून मिकेगा कि आप किसी मुश्किल में फंस गए हैं। अब आप मदद के लिए उनके सामने गिड़गिड़ाएंगे, यह देख कर उन्हें एक मानसिक शांति मिलती है।
यदि आपको प्रशंसा चाहिए तो उनकी प्रशंसा चाहें, जिनका आप सबसे अधिक सम्मान करते हैं।