परमात्मा

परमात्मा शब्द नहीं है जो हमें पुस्तक में मिलेगा।

परमात्मा मूर्ति नहीं है, जो हमें मंदिर में मिलेगी।

परमात्मा मनुष्य नहीं है, जो हमें समाज में मिलेगा।

परमात्मा जीवन है जो हमें अपने भीतर मिलेगा।