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पद्यांश / काव्यांश : फूलों को पाने से पहले, शूलों को अपनाना है।


निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए :


फूलों को पाने से पहले, शूलों को अपनाना है।

उन्हें रौंदकर, आगे बढ़कर भय को दूर भगाना है।

सहज नहीं फूलों को पाना, पहले काँटे चुभते हैं।

फूलों को पाने से पहले, शूलों को अपनाना है।

कठिन राह में चलने से ही, पग में छाले दुखते हैं।

विजय चाहते हो जीवन में, दृढ़ता से बढ़ते जाना है।

हार नहीं सकता वह, जिसने सीखा नित मुस्काना है।

फूलों को पाने से पहले, शूलों को अपनाना है।

गिरना और सँभल कर बढ़ना, साहस का साथ निभाना है।

मोती के लिए समुंदर में, तुमको गोता खाना है।

फूलों को पाने से पहले, शूलों को अपनाना है।

मंजिल तक जाने से पहले, पग-पग पर बाधाएँ हैं।

एक नहीं जाने कितनी ही खड़ी हुई विपदाएँ हैं।


प्रश्न 1. फूलों को पाना सहज क्यों नहीं है?

प्रश्न 2. कवि के अनुसार कठिन राह में चलने से क्या होता है और मोती को प्राप्त करने के लिए क्या करना होगा?

प्रश्न 3. कैसा व्यक्ति जीवन में हार नहीं सकता और विजय पाने के लिए उसे क्या करना होगा?