पत्र लेखन : नवीं कक्षा में अनुत्तीर्ण अपने मित्र को सांत्वना पत्र लिखिए।
नवीं कक्षा में अनुत्तीर्ण अपने मित्र को सांत्वना पत्र लिखिए।
1618, कूँचा महाजन
चाँदनी चौक, दिल्ली
दिनांक : 10 नवंबर, 20XX
प्रिय गौतम
सप्रेम नमस्कार
कल मुझे देवेश का पत्र मिला। उसने अपना तथा अपने साथियों का प्रथम सत्र का परिणाम लिखा था। मुझे यह जानकर अत्यंत दुख हुआ कि तुम इस बार अपनी प्रथम सत्र की परीक्षा में अनुत्तीर्ण हुए हो। इस बात की तो मैंने कभी कल्पना भी नहीं की थी। गौतम, मुझे तुमसे यह उम्मीद न थी। आठवीं कक्षा की परीक्षा में तुमने 65 प्रतिशत अंक प्राप्त किए थे। हो सकता है कि परीक्षा के दिनों में तुम्हारे साथ कोई परेशानी हुई होगी, लेकिन मित्र अब भी देर नहीं हुई है। यदि तुम द्वितीय सत्र की परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर लोगे तो तुम्हें दसवीं कक्षा में जाने से कोई रोक नहीं पाएगा।
खैर, जो हुआ, सो भूल जाओ। आगे की सोचो कि किस प्रकार अब तुम्हें कठिन परिश्रम करके द्वितीय सत्र में अच्छे अंक प्राप्त करने हैं। अब कम-से-कम 85 प्रतिशत अंक लेने का लक्ष्य बनाकर चलो। मुझे पूरा विश्वास है कि दृढ़ निश्चय कर लेने पर आप अपने लक्ष्य में अवश्य सफलता प्राप्त करोगे।
आशा करता हूँ कि मुझे आपसे दूसरे सत्र में अच्छे अंक प्राप्त करने का शुभ समाचार प्राप्त होगा।
तुम्हारा मित्र
अमन