• इस साल नम्मा कंबाला प्रतियोगिता का आयोजन बेंगलुरु में किया जा रहा है। तुलुकूटा बेंगलुरु यह आयोजन कर रहा है। 25 और 26 नवंबर को शहर के मध्य में पैलेस ग्राउंड में लोक खेल का आयोजन किया जाएगा। यह पहली बार है कि कंबाला दौड़ बेंगलुरु में होगी।
• कर्नाटक में कंबाला महोत्सव एक मनोरम और रोमांचकारी कार्यक्रम है जो हर साल होता है। यह भैंस दौड़ कार्यक्रम का उत्सव है, जिसे कंबाला के नाम से जाना जाता है, जो राज्य के भीगे धान के खेतों में होता है।
• इस खेल में भैंसों की दो जोड़ी को हल से बांधकर कीचड़ भरे धान के खेत में दौड़ाया जाता है। भैंसों को दो लोगों की एक टीम द्वारा चलाया जाता है, जो जानवरों की पूंछ पकड़कर नंगे पैर उनके पीछे दौड़ती है। यह त्यौहार मुख्य रूप से नवंबर और दिसंबर के महीनों के दौरान उडुपी और दक्षिण कन्नड़ जिलों के तटीय क्षेत्रों में आयोजित किया जाता रहा है।
• साल 2014 में, भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने जल्लीकट्टू और बैलगाड़ी रेसिंग जैसे आयोजनों के लिए बैल के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया। हालांकि, कंबाला को इस प्रतिबंध से छूट दी गई थी, क्योंकि इसे बैल दौड़ के रूप में नहीं माना जाता है।