CBSEclass 7 Hindi (हिंदी)EducationHindi Grammarletters/पत्र लेखनNCERT class 10thPunjab School Education Board(PSEB)

धन्यवाद-पत्र


किसी के द्वारा हमारे लिए किए गए किसी कार्य या दिए गए उपहार के लिए धन्यवाद-पत्र लिखा जाता है। इस तरह के पत्रों में निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें :

– पत्र की शुरूआत धन्यवाद से तथा अंत भी पुनः धन्यवाद से हो।

– पत्र की भाषा हृदयस्पर्शी हो। ऐसा लगे जैसे धन्यवाद हृदय से दिया जा रहा है। किए गए कार्य या दिए गए उपहार की प्रशंसा भी पत्र में शामिल की जाए।


जब कोई व्यक्ति हृदय से हमारा सहयोग करता है, हमें उपहार देता है या हम पर कोई उपकार करता है तो ऐसी स्थिति में धन्यवाद-पत्र लिखना शिष्टता का व्यवहार माना जाता है। आमतौर पर सभी को इस तरह के पत्र लिखने की आवश्यकता कभी-न-कभी अवश्य पड़ती है। ऐसे पत्रों में निम्नलिखित विशेषताएँ होती हैं :

1. ऐसे पत्र संक्षिप्त होते हैं।

2. ये धन्यवाद से शुरू होते हैं और धन्यवाद पर ही समाप्त होते हैं।

3. पत्र के मध्य भाग में व्यक्ति के द्वारा किए गए सहयोग या उपकार के महत्त्व पर प्रकाश डाला जाता है।

4. पत्र में केवल दिखावा न होकर गहरी आत्मीयता का भाव झलकता है।