दबाव अनुशासन नहीं सिखा सकता।


चिंता ने कभी कोई काम पूरा नहीं किया।

क्षमा, सहायता व सहयोग करने की आदत बना लें। ये गुण व्यर्थ नहीं जाते और आड़े वक्त पर काम आते हैं।

जो भाग्य के सहारे बैठते हैं, उनका भाग्य उन्हीं के पास बैठ जाता है।

उठो, अपने जीवन की योजना बनाओ ताकि तुम्हारी सोई हुई महान प्रतिभा और शक्ति, जो अब तक व्यर्थ पड़ी हुई है, जाग उठे।

• क्रोधित होना बुरी बात नहीं, क्रोध में बुराई तब पैदा होती है, जब व्यक्ति विवेक खो देता है।

• ऊंची से ऊंची चोटी पर पहुंचना मकसद हो, तो अपना काम निचली सतह से शुरू करें।

वो जीत गए क्योंकि उन्हें विश्वास था कि वो ही जीतेंगे।

हम दबाव से अनुशासन नहीं सीख सकते।

सफलता पहले आपके मन में घटित होती है, उसके बाद ही जीवन में उतरती है।

आत्मविश्वास और चरित्र के बल पर साधनरहित व्यक्ति भी सफलता प्राप्त कर सकता है।

स्वेट मार्डेन