तजुर्बे की बहुत कीमत होती है।
एक बार एक बड़े समुद्री जहाज का इंजन खराब हो गया। उस पर मौजूद कोई भी इंजीनियर इंजन चालू नहीं कर पाया, तो हेलीकॉप्टर से बड़ी कम्पनी के महंगे इंजीनियर बुलाए गए।
वे भी कुछ नहीं कर पाए।
जहाज पर सवार यात्री परेशान हो कर पूछने लगे कि वे कब तक फंसे रहेंगे।
तभी एक यात्री ने एक और इंजीनियर का सुझाव दिया और कहा कि उसे ऐसे इंजन सुधारने का लंबा अनुभव है।
कप्तान अंजान इंजीनियर को बुलाने में पहले हिचका, फिर कोई रास्ता न देखकर हेलीकॉप्टर भेजकर उसे बुलाया गया।
इंजीनियर हाथ में छोटा सा टूलकिट लेकर पहुंचा और इंजन के पास जाकर दो-तीन चक्कर लगाए।
फिर एक जगह चढ़कर उसने स्क्रू टाइट किया और कहा – अब इंजन चालू करो।
कप्तान हैरान रह गया कि इंजन एक बार में ही चालू हो गया!
खुश कप्तान ने इंजीनियर से बिल पूछा।
इंजीनियर बोला – 10,000 ₹
कप्तान ने हैरानी से कहा – एक स्क्रू टाइट करने के 10 हज़ार रुपये?
इंजीनियर बोला – स्क्रू टाइट करने के 100 ₹ हैं, बाकी 9900 ₹ यह जानने के हैं कि कौन सा स्क्रू टाइट करना है।
सीख :- जिंदगी में हुनर के साथ तजुर्बा भी काम आता है। इसलिए तजुर्बे की कीमत पहचाननी चाहिए।