ज्ञान का उम्दा प्रस्तुतिकरण भी जरूरी होता है।

  • नजरिया बदलने से आधी से ज्यादा समस्या स्वतः ही सुलझ जाती है। एक सम्पूर्ण स्वस्थ शरीर को नजरअंदाज करते हुए मक्खी हमेशा घाव पर ही जाकर बैठती है, क्योंकि खामियां ढूंढना उसका स्वभाव होता है।
  • केवल ज्ञान होना पर्याप्त नहीं होता। उसका उम्दा प्रस्तुतिकरण भी जरूरी होता है।
  • दूसरों को सहयोग देना ही उनको अपना सहयोगी बनाना है।
  • दुनिया के सबसे समझदार व्यक्ति की समझदारी को यदि सही दिशा न मिले, तो वह जंगली पौधा बन जाता है।
  • कमजोरी, डर, उदासी आदि अंधकार के स्रोत से ज्यादा कुछ नहीं है।
  • हर तरह की आजादी एक मिनट में छीनी नहीं जा सकती।
  • जब दोस्तों में बहस होती है, तभी सच्चाई उभर कर निकलती है।
  • जब सबसे अच्छी चीजों में भ्रष्टाचार होता है, तभी सबसे बुरी चीज़ें पैदा होती हैं।
  • बाधाओं के आने पर रोना नहीं चाहिए, उनसे लड़ना चाहिए।
  • हम जो भी काम करें, पूरी मेहनत और लगन के साथ करें और यह भी समझें कि जीवन में जोखिम लेना भी बहुत जरूरी है।