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जीवन जीने के लिए मापदण्ड ऊंचे रखिए

एक बार एक व्यक्ति कुम्हार के पास जन्माष्टमी के लिए मटकियां खरीदने गया। कुम्हार के पास मटके कम पड़े थे।

उस व्यक्ति ने कुम्हार से ज्यादा मटकियां बनाने के लिए कहा।

कुम्हार ने कहा कि जिस गुणवत्ता की मटकियां वह बनाता है, उस गुणवत्ता की वह 20 से ज्यादा मटकियां एक दिन में नहीं बना सकता।

उस व्यक्ति ने कुम्हार को समझाने की कोशिश की। मटकियां एक ही दिन में तो फोड़ देनी हैं, कौन सा सारा जीवन पास में रखनी है ! कुम्हार खराब गुणवत्ता की मटकियां भी दे सकता है।

कुम्हार अपनी बात पर अड़ा रहा, कि उसे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वह व्यक्ति मटकियों का क्या करने वाला है। कुम्हार ने कहा कि वह घटिया मटकियां बना ही नहीं सकता। अपने काम की गुणवत्ता से समझौता करना उसके स्वभाव में ही नहीं है।

यह सुनकर वह व्यक्ति हतप्रभ रह गया। उसे इस बात का अंदाज़ा नहीं था कि एक सामान्य से काम करने वाला व्यक्ति भी इतने ऊंचे मापदंड और इतनी ऊंची सोच का मालिक हो सकता है।

उस कुम्हार की तरह हमें भी यह तय करना चाहिए कि हम कोई भी काम करें, वह उच्च स्तर का ही होगा। हम किसी से व्यवहार करें तो वह भी उच्च स्तर का ही होगा। हम सपने भी देखेंगे तो उच्च स्तर के ही देखेंगे।

यदि हमें ऊंची उड़ान भरने की चाहत है तो हल्की सोच या हल्की चीज़ों का उपयोग श्रेष्ठ जगह पर नहीं पहुंच सकते।

आपके विचार इतने ऊंचे होने चाहिए कि दूसरे लोग आपके विचारों को अपनाने की सोचें।