जीआई टैग (GI Tag) (Geographical Indications)
• ज्योग्राफिकल इंडिकेशन रजिस्ट्री ने बनारसी पान और बनारसी लंगड़ा आम को जीआई टैग प्रदान किया है।
• जीआई टैग या ज्योग्राफिकल इंडिकेशन टैग उन उत्पादों को प्रदान किया जाता है जो उस क्षेत्र की भौगोलिक पहचान को दर्शाते हैं।
• भारतीय संसद ने 1999 रजिस्ट्रेशन एंड प्रोटेक्शन एक्ट के तहत ‘जियोग्राफिकल इंडिकेशंस ऑफ गुड्स’ लागू किया था। इस आधार पर भारत के किसी भी क्षेत्र में पाए जाने वाली विशिष्ट वस्तु का कानूनी अधिकार उस राज्य को दे दिया जाता है।
• जीआई टैग पहली बार 2003 में दिया गया था, जिसके तहत दार्जिलिंग की चाय को सबसे पहले यह टैग मिला था।
• जीआई टैग 10 साल के लिए मिलता है। हालांकि इसे रिन्यू करवा सकते हैं। जीआई टैग मिलने से प्रोडक्ट का मूल्य और उससे जुड़े लोगों का महत्व बढ़ जाता है। उल्लखेनीय है कि भारत में विशेष गुणवत्ता की वस्तुओं को विश्व में पहचान दिलाने के लिए जीआई टैग दिया जाता है।
• जीआई टैग, कंट्रोलर जनरल ऑफ पेटेंट्स, डिजाइन एंड ट्रेडमार्क के माध्यम से दिया जाता है। चेन्नई में इस संस्था का हेडक्वाटर है।