जिंदगी सबकी राहों में जाल बिछाती है।


  • सही ढंग से पूछे गए प्रश्न में उत्तर अंतर्निहित होता है, लेकिन यह उत्तर हमारी अपेक्षा से भिन्न होगा।
  • हम हैं कौन? जिस दिन इसका उत्तर मिलता है, उस दिन जीवन में परमात्मा का प्रवेश हो जाता है।
  • जीवन में किसी निर्णायक क्षण के महत्व का आकलन बढ़ा – चढ़ाकर करना और छोटे – छोटे सुधारों को कम समझना बहुत आसान है।
  • अगर हम प्रतिदिन एक फीसदी भी पहले से बेहतर होते हैं तो पूरे वर्ष में 37 गुणा बेहतर कर सकते हैं।
  • आदतें आत्मसुधार का चक्रवृद्धि ब्याज होती हैं।
  • कभी दूसरों से मान्यता की तलाश नहीं करें। जो आपको ठीक लगता हो, वही करें, अपना रास्ता खुद चुनें और उन लोगों के जाल में न फंसें, जो यह दावा करते हैं कि वे आपसे बेहतर जानते हैं, जबकि यह सच नहीं।
  • सबसे तेज वही चलता है, जो अकेला चलता है, लेकिन दूर तक वही जाता है, जो सबको साथ लेकर चलता है।
  • जो मनुष्य अपने क्रोध को अपने ऊपर ही झेल लेता है, वह दूसरों के क्रोध से बच जाता है।
  • हरेक बात एक समान महत्व की नहीं होती और कुछ चीज़ें अन्य चीज़ों से ज्यादा महत्वपूर्ण होती हैं।
  • छोटी – छोटी चीज़ों पर ध्यान केंद्रित करने से बड़े नतीजे मिलते हैं।
  • अपने काम और जीवन से अधिकाधिक प्राप्त करने का तरीका छोटी चीज़ों पर जमे रहना है।
  • संसार के पास दो तरह के वृक्ष होते हैं – एक कल्पवृक्ष, जिससे जो मांगो, वह दे देगा। दूसरा अल्पवृक्ष, इससे मांग – मांगकर थक जाओ, कुछ नहीं मिलेगा।
  • संकल्प लें कि आज मैं वह करूँगा, जो दूसरों ने नहीं किया है, ताकि वह कर सकूं, जो दूसरे नहीं कर सकते।
  • ज़िन्दगी आपकी राह में एक काल्पनिक फिनिश लाइन बनाती है। ये जिंदगी का, औसत लोगों को बाकियों से अलग करने का तरीका है। औसत लोग ‘काल्पनिक फिनिश लाइन’ को असल फिनिश लाइन मानकर रुक जाते हैं, बल्कि असल विजेता उस ‘काल्पनिक फिनिश लाइन’ के परे जाते हैं।
  • जिंदगी सबकी राहों में जाल बिछाती है। यह उसका, चैंपियंस और हारे हुए लोगों में अंतर करने का तरीका है।