छोटी सी ज़िंदगी है, हंसकर जिओ, क्योंकि लौटकर यादें आती हैं, वक्त नहीं।

  • शिक्षा की बुनियादी बातों की जगह कोई चीज़ नहीं ले सकती।
  • बुढ़ापा खूबसूरत हो सकता है कि अगर बुजुर्ग युवाओं के लिए बाधा नहीं, बल्कि मार्गदर्शक और मदद करने वाले बनें।
  • जब एक भाषा ख़त्म होती है तो पूरी की पूरी संस्कृति ख़त्म हो जाती है।
  • भाषाएं बच्चों के व्यक्तित्व, विकास और विचारों की प्रक्रिया में अहम भूमिका निभाती हैं और जीवन व दुनिया का बड़ा परिदृश्य दिखाती हैं।
  • अपनी मौजूदा ज़िन्दगी को सुखद बनाने के लिए गौरवशाली इतिहास और डिजिटल सम्पत्ति की रक्षा के लिए भविष्य के ज्ञान का सही अनुपात जरूरी है।
  • बुद्धिमान व्यक्ति को जितने अवसर मिलते हैं, उससे अधिक वह स्वयं बनाता है।
  • सफलता की शुरुआत उसी वक्त हो जाती है, जब आप उसके लिए प्रयास शुरू करते हैं।
  • चुप्पी सुनहरी है, जब तक आप किसी अच्छे जवाब के बारे में नहीं सोच पाते।
  • यदि आप सकारात्मक हैं तो आपको बाधाओं की जगह अवसर दिखाई देंगे।
  • शब्दों में बहुत ताकत होती है। ये इतना प्रेरित कर सकते हैं कि व्यक्ति असम्भव को सम्भव कर दे।
  • ज़िंदगी कितनी ही मुश्किल क्यों न लगे, हमेशा कुछ न कुछ ऐसा होता है, जिसमें आप सफलता पा सकते हैं।
  • क्रोध पाले रखना, गर्म कोयले को हाथ में रखने जैसा है, इससे आप ही जलते हैं – महात्मा बुद्ध।
  • सम्मान मांगा नहीं जा सकता क्योंकि मांगने वाले का सम्मान नहीं रह सकता – तुलसीदास।
  • आप जैसा विश्वास रखते हैं, वैसे ही बन जाते हैं। सुख, प्रसन्नता और भाग्य का निर्माण मनुष्य के आंतरिक विश्वास से ही होता है।
  • ज़िंदगी में सबसे आसान काम है भावुक बने रहना, दुःखी बने रहना। भावुक होना तो इंसान होने की निशानी है, लेकिन भावनाओं से गुजरने के बाद वापसी करना ही मायने रखता है।
  • भावुक होने के बाद वापसी करना वापसी करना ही दुनिया का नेतृत्व करने वालों को, उनका अनुसरण करने वालों से अलग बनाता है।
  • सुबह होने तक फूलों को भी पता नहीं रहता कि मंदिर जाना है या कब्र पर। इसलिए ज़िंदगी हंस खेलकर जियो।
  • सफलता का द्वार हमेशा खुला रहता है, पर करीब पहुंचने पर ही दिखाई देता है।
  • लंबी छलांगों से कहीं बेहतर है निरंतर कदम बढ़ाना, जो एक दिन आपको मंज़िल तक ले जाएगा।
  • प्रकृति का काम तो सिर्फ हमें मिलाना होता है, लेकिन सम्बंधों की दूरियों या नज़दीकियों का निर्धारण हमारा व्यवहार करता है।
  • सत्य को हजार तरीकों से बताया जा सकता है, फिर भी हर एक सत्य ही होगा।
  • जो हासिल है, उसका शुक्र मनाना चाहिए। घमण्ड करने का कोई लाभ नहीं होतासमय खत्म हो गया तो खत्म ही समझना चाहिए। जो भी आपके पास है, उसे देकर एक क्षण भी अतिरिक्त नहीं मिल सकेगा, तो दर्प कैसा और किस चीज़ का।
  • छोटी सी ज़िंदगी है, हंसकर जिओ, क्योंकि लौटकर यादें आती हैं, वक्त नहीं।
  • हमसे बिछड़ने का फैसला उसने कुछ इस तरह से किया कि दोस्ती तोड़ी नहीं और मोहब्बत छोड़ी नहीं।

परमात्मा शब्द नहीं है जो हमें पुस्तक में मिलेगा।

परमात्मा मूर्ति नहीं है, जो हमें मंदिर में मिलेगी।

परमात्मा मनुष्य नहीं है, जो हमें समाज में मिलेगा।

परमात्मा जीवन है जो हमें अपने भीतर मिलेगा।