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चिंता करने और विचार करने में अंतर होता है।


  • इस दुनिया में कुछ भी स्थाई नहीं है। हमारी मुसीबतें भी नहीं।
  • मुश्किल का मतलब असंभव नहीं है, इसका मतलब है कि इसके लिए आपको कड़ी मेहनत करनी होगी।
  • जब आप कठिनाइयों से गुजरते हैं और आत्मसमर्पण का निर्णय लेते हैं, तो यही सच्ची ताकत बन जाती है।
  • चिंता करने और विचार करने में अंतर होता है। चिंता करने से काम तो होता है, लेकिन कामयाबी हासिल नहीं होती। विचार करने से हम आगे बढ़ते हैं और नए आयाम खोज पाते हैं। विचारों की शक्ति का कोई दायरा नहीं होता है, यह असीमित है।
  • जिंदगी में अपने आप को ज्यादा गंभीरता से लेना भी ठीक नहीं है। आप केवल अपना काम कर रहे हैं, आप दुनिया को बचाने नहीं निकले हैं। एक बार आपको इस बात का अहसास हो गया तो आपके चुनाव बदल जाएंगे। इस स्वीकार्यता से ही दबाव हटाया जा सकता है
  • मानसिक दृढ़ता लंबे समय के फायदों के बारे में सोचने की काबिलियत है, न कि थोड़े समय की तकलीफ को टालने की योग्यता। एक बार आप अपने दिमाग में ऐसी दृढ़ता पैदा कर लेंगे तो आप सफलता के किनारे पहुंच जाएंगे।
  • कंफ्यूजन की स्थिति हर बार बुरी नहीं होती, इससे परिणाम बेहतर भी मिलते हैं।
  • हमारा स्वभाव जितना लचीला होगा, उतनी जल्दी हम गलतियां स्वीकार करेंगे।