गलतियों से सीखकर ही भविष्य संवरता है।


• आत्मा के सभी विकारों में से केवल ईर्ष्या ही एकमात्र ऐसी है, जिसे किसी को भी स्वीकार नहीं करना चाहिए।

अमीरी और गरीबी का असंतुलन सभी देशों के लिए घातक सिद्ध हो सकता है।

• ऐसा दोस्त हरगिज़ नहीं चाहिए जो मेरे बदलने पर बदल जाए। मैं हां करूं तो वह भी हां में सिर हिलाएं। ये काम तो मेरी परछाई बेहतर करती है।

लंगड़े व्यक्ति के साथ वक्त बिताते हैं, तो आप भी लंगड़ाना सीख जाते हैं।

सुनने की कला सीख लें, इस तरह बुरा बोलने वालों से भी फायदा हासिल करेंगे।

• गलतियां न करना मनुष्य के बस में नहीं, लेकिन जो समझदार हैं वो गलतियों से सीखकर अपना भविष्य संवारते हैं।

• खुद को न तो दोष देना चाहिए और न ही तारीफ करनी चाहिए।

हमें अंतर में जो प्राप्त होता है उससे बाहर की तस्वीर बदली जा सकती है।

समझदार व्यक्ति कठिन परिस्थितियों से भी अपना फायदा निकाल लेते हैं।

समय ही जीवन है। इसका सही इस्तेमाल करना हमारा फर्ज है।

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