CBSEComprehension PassageEducationParagraphPunjab School Education Board(PSEB)ਅਣਡਿੱਠਾ ਪੈਰਾ (Comprehension Passage)

गद्यांश – शिक्षा का महत्व

निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :


शिक्षा व्यक्ति और समाज दोनों के विकास के लिए अनिवार्य है। अज्ञान के अंधकार में जीना तो मृत्यु से भी अधिक कष्टकर है। ज्ञान के प्रकाश से ही जीवन के रहस्य खुलते हैं और हमें अपनी पहचान मिलती है। शिक्षा मनुष्य को मस्तिष्क और देह का उचित प्रयोग करना सिखाती है। वह शिक्षा जो मानव को पाठ्य-पुस्तकों के ज्ञान के अतिरिक्त कुछ गंभीर चिंतन न दे, व्यर्थ है। यदि हमारी शिक्षा सुसंस्कृत, सभ्य, सच्चरित्र एवं अच्छे नागरिक नहीं बना सकती, तो उससे क्या लाभ? सहृदय, सच्चा परंतु अनपढ़ मज़दूर उस स्नातक से कहीं अच्छा है जो निर्दय और चरित्रहीन है। संसार के सभी वैभव और सुख-साधन भी मनुष्य को तब तक सुखी नहीं बना सकते जब तक कि मनुष्य को आत्मिक ज्ञान न हो। हमारे कुछ अधिकार व उत्तरदायित्व भी हैं। शिक्षित व्यक्ति को अपने उत्तरदायित्वों और कर्तव्यों का उतना ही ध्यान रखना चाहिए जितना कि अधिकारों का, क्योंकि उत्तरदायित्व निभाने और कर्तव्य करने के बाद ही हम अधिकार पाने के अधिकारी बनते हैं।

प्रश्न 1. अज्ञान में जीवित रहना मृत्यु से अधिक कष्टकारी है, ऐसा क्यों कहा गया है?

प्रश्न 2. शिक्षा के किन्ही दो लाभों को समझाइए।

प्रश्न 3. अधिकारों और कर्तव्यों का पारस्परिक संबंध समझाइए।

प्रश्न 4. शिक्षा व्यक्ति और समाज दोनों के विकास के लिए क्यों आवश्यक है?

प्रश्न 5. इस गद्यांश के लिए एक उपयुक्त शीर्षक दीजिए।