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खुद से जुड़ने के लिए कोलाहल से दूरी


  • हमारा व्यवहार गणित के शून्य की तरह होना चाहिए। ये दूसरों के साथ जुड़ने पर उसका मूल्य बढ़ा देता है।
  • जो उम्मीद दूसरों से करते हैं, वही अगर स्वयं से करना शुरू कर दें तो हर पल जिंदगी की नई शुरुआत करना संभव होगा।
  • अपने विचारों की शक्ति हमेशा महसूस करते रहें और उन्हें मजबूत बनाने पर कार्यरत रहें।
  • छोटे रास्ते पर नहीं अपितु हमेशा सही रास्ते पर चलने का प्रयास करें।
  • यदि आप हार नहीं मानते हैं तो आपके पास अभी भी मौका है।
  • यह मत मानिए कि जीत ही सब कुछ है। जरूरी यह है कि आप किस उद्देश्य के लिए जीतना चाहते हैं।
  • भक्ति हमारे सांसारिक कर्मों को पवित्र कर देती है। यह हमारे हर प्रयास को पावन बनाती है। यही श्रेष्ठता का रहस्य है।
  • समय उन लोगों की अवश्य सुनता है जो उसका सही उपयोग करते हैं।
  • रंगों से निखरना चाहते हैं, तो पिसना और बिखरना जरूरी होता है।
  • अजनबी लोगों से मिली सहानुभूति बर्बाद कर सकती है।
  • सुधार की शुरुआत आज से होनी चाहिए, कल तो बहुत देर हो जाएगी।
  • जब तक अपने सपनों को हकीकत में न बदल लो, तब तक हार मत मानो।
  • जो हम खुशी – खुशी सीखते हैं, उसे कभी नहीं भूलते।
  • दूसरों का अनुसरण करने की बजाय अपना सच खुद तलाशना जरूरी है। और खुद से जुड़ने के लिए चारों ओर के कोलाहल से दूरी जरूरी है।
  • अपने गुस्से का सबसे पहला शिकार हम खुद ही होते हैं।