खुद को कमजोर मानना सबसे बड़ा पाप है।

  • असफलता को भोगे बिना सफल होना असंभव है। नकारात्मक परिस्थिति में सोच को सकारात्मक रखना अनिवार्य है। लगातार सीखते रहना जरूरी है।
  • घर और समाज तब मुश्किल पैदा करते हैं, जब आपका समय मुश्किल होता है। जब आप आराम में होते हैं, तब यही लोग सहयोग में तत्पर रहते हैं।
  • आपका जन्म हुआ है तो आप कुछ खास हैं, बस उस खासियत को पहचानिए।
  • जब हम कहते हैं कि हम कुछ नहीं कर सकते, तब हम मन और आत्मा की शक्ति को नकार रहे होते हैं। लेकिन जब हम कहते हैं कि कोई भी कुछ भी कर सकता है तो इसका मतलब मछली भी पहाड़ पर चढ़ सकती है और बंदर भी चील की तरह उड़ सकता है। यह सब शोर है। इस शोर से बचना चाहिए और अपने मन को समझना चाहिए।
  • आप कभी भी एक ही समय में लॉजिकल और क्रिएटिव नहीं हो सकते। इसलिए जब क्रिएटिविटी का समय हो तो लॉजिक भूल जाईए और जब समय लॉजिक इस्तेमाल करने का हो तब क्रिएटिविटी भूल जाइए
  • हम लगातार दुख को डर के तौर पर अपनी कल्पनाओं में भोगते हैं और फिर उसी दुख को तब भोगते हैं जब वो यथार्थ में होता है। कितना अच्छा हो अगर हम डर को जीने की बजाय तैयारी में समय निवेश करें। दुख आएगा भी कम और महसूस भी कम होगा
  • करूणा के पुंज भगवान महावीर स्वामी ने संसार को एक जीवन मंत्र दिया है – जीयो और जीने दो। उनके कहने का अर्थ है कि पहले आप जीएं , तभी आप जान पाएंगे कि दूसरों को कैसे जीने देना है। उन्होंने कहा – अगर आपको जीना नहीं आएगा तो आप दूसरों को कैसे जीने देंगे ?
  • जीवन में 20 चीज़ें अपनी मर्जी से , अपने तरीके से करें। 80 चीज़ें वैसे करें, जैसे दुनिया आपसे चाहती है। जीवन में 80 चीज़ें ऐसी , जो आपके जीवन पर प्रभाव नहीं डालती हैं, उन्हें दूसरों की खुशी के लिए कीजिए, यही ‘जीने देना’ है। जीवन में 20 चीज़ें ऐसी जो आपके लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं, जो आपके जीवन को प्रभावित करती हैं, उन्हें आपको अपने लिए करना ही चाहिए, यही ‘जीना’ है। ऐसा करने से आपके जीवन में संतुलन आएगा। “जियो और जीने दो” आपके जीवन का हिस्सा बन जाएगा
  • अमीरी के घमण्ड में खुद को ऊंचा समझने पर व्यक्ति अकेला रह जाता है।
  • कभी असफल न होना महानता नहीं है, बल्कि हर बार गिरकर खड़े होना महानता है।
  • खुद को कमजोर मानना सबसे बड़ा पाप है।
  • लोग भूल जाएंगे आपने क्या कहा, क्या किया लेकिन वे यह कभी नहीं भूलेंगे कि आपने उन्हें कैसा महसूस करवाया।
  • चीनी बांस का पौधा पांच साल तक धैर्य से अपनी जड़ें जमाता है। फिर तैयार हो कर 90 फ़ीट तक ऊंचा होने के लिए बाहर निकलता है।
  • आप अपनी सफलताओं और असफलताओं से ही खुद को बेहतर ढंग से समझ पाते हैं। हम जीवन में जैसे – जैसे आगे बढ़ते जाते हैं, अपने लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करते जाते हैं।
  • जब हम अपने लक्ष्य को हासिल कर लेते हैं तो अहसास होता है कि हमें दुनिया में नम्बर 1 नहीं बनना है, बल्कि खुद में नम्बर 1 होना है।
  • सफलता के लिए तैयारी न करना असफलता के लिए तैयारी करने के समान है।
  • अपने जीवन के हर पल को अपने भीतर आनंदित और शांतिपूर्ण बनाना, जीवन को भौतिक सीमाओं से परे अनुभव करने में सक्षम होना – ये अलौकिक गुण नहीं हैं। ये मानवीय संभावनाएं हैं।
  • योग अलौकिक होने के बारे में नहीं है; यह महसूस करने के बारे में है कि मानव होना अद्भुत है।
  • जैसे ही भय आपके करीब आए, उस पर आक्रमण कर उसे नष्ट कर देना चाहिए
  • काम के हर क्षेत्र में सुधार करते हुए किसी भी लक्ष्य को पाते हैं तो हम हमेशा प्रेरित रहते हैं।
  • जीवन के अपरिहार्य विचलन के माध्यम से अप्रभावित गुजरने का सबसे प्रभावी तरीका ईश्वर पर हमारा ध्यान केंद्रित करना है।
  • लगातार सुधार जीवन जीने का एक तरीका है, जिसे विकसित करने और बेहतर बनाने की जरूरत है।
  • कोई आपके कार्य पर संदेह करता है तो करने देना। क्योंकि शक सदा सोने की शुद्धता पर किया जाता है, कोयले की कालिख पर नहीं
  • अच्छा बोलना एक कला है, लेकिन लगातार सुनना भी एक कला है। अगर आप सामने वाले की पूरी बात सुनते हैं तो आप उन्हें बेहतर तरीके से समझ पाएंगे। उनके साथ सही बर्ताव कर पाएंगे।
  • फूलों की सिर्फ 9 जातियां होती हैं और पूरी बहार पर राज करती हैं। मनुष्य के शरीर में 10 इंद्रियां होती हैं और पूरा जीवन उनके कब्जे में होता है।
  • लक्ष्य तय करें, मंथन कर उसे पाने के तरीके खोजें, सफलता जरूर मिलेगी।
  • अपने कम्फर्ट ज़ोन से बाहर निकलिए, लक्ष्य हासिल करने के लिए गहन चिंतन कीजिए, सफलता की राह आसान होती जाएगी।
  • अगर किसी का दिमाग खाली है, तो हमारी जानकारी बिना किसी फिल्टर के उन्हें प्राप्त होती है। यदि किसी का दिमाग विचारों और भावनाओं के साथ भरा हुआ है, तो हम जो सूचना भेजते हैं वह धूमिल हो जाती है।