काव्यांश / पद्यांश
निम्नलिखित काव्यांश के प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर को चुनकर लिखिए-
सबसे तेज़ बौछारें गई भादों गया
सवेरा हुआ
खरगोश की आँखों जैसा लाल सवेरा
शरद आया पुलों को पार करते हुए
अपनी नई चमकीली साइकिल तेज़ चलाते हुए
घंटी बजाते हुए ज़ोर-ज़ोर से
चमकीले इशारों से बुलाते हुए
पतंग उड़ाने वाले बच्चों के झुंड को
चमकीले इशारों से बुलाते हुए और
आकाश को इतना मुलायम बनाते हुए
कि पतंग ऊपर उठ सके-
दुनिया की सबसे हल्की रंगीन चीज़ उड़ सके
दुनिया का सबसे पतला कागज़ उड़ सके-
बाँस की सबसे पतली कमानी उड़ सके-
कि शुरू हो सके सीटियों, किलकारियों और
तितलियों की इतनी नाज़ुक दुनिया।
प्रश्न. उपर्युक्त पंक्तियों के अनुसार, शरद ऋतु कब व कैसे आती है?
(क) वर्षा ऋतु के बाद
(ख) प्रकृति का और अधिक सुन्दर होना व उल्लसित वातावरण
(ग) साइकिल चलाते हुए, घंटी बजाकर
(घ) उपर्युक्त सभी।
प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार करते हुए पद्यांश के अनुसार सही कथन को चयनित कर लिखिए।
(क) ‘चमकीले इशारों’ में निहित भाव चमकीली या तेज़ धूप है।
(ख) ‘चमकीले इशारों’ में निहित भाव स्वच्छ एवं साफ़ आकाश है।
(ग) ‘चमकीले इशारों’ में निहित भाव आकाश में बिजली चमकना है।
(घ) ‘चमकीले इशारों’ में निहित भाव आकाश में सितारे चमकना है।
प्रश्न. ‘आकाश को इतना मुलायम बताते हुए’ से कवि का क्या तात्पर्य है?
(क) साफ़ आकाश में बच्चे ऊँचाई तक पतंग उड़ा सकते हैं
(ख) सफ़ेद बादलों के कारण आकाश मुलायम था
(ग) आकाश इतना कोमल और साफ़ है जिसमें पतंग उड़ाने के लिए पर्याप्त साधन हैं
(घ) विकल्प (क) व (ख) दोनों
प्रश्न. शरद रूपी बालक क्या चाहता है?
(क)दुनिया के सबसे पतले, हल्के और रंगीन कागज़ की पतंग आसमान में ऊँची उड़ सके
(ख) पतंग आकाश में ऊँची न उड़ सके
(ग) पतंग के साथ, बच्चे भी अपनी बाल-सुलभ कल्पनाओं के साथ आसमान में उड़ने के आनंद की अनुभूति कर सकें
(घ) विकल्प (क) व (ग) दोनों