काव्यांश / पद्यांश
निम्नलिखित काव्यांश के प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर लिखिए-
शांति नहीं तब तक,
जब तक सुख-भाग न नर का सम हो,
नहीं किसी को बहुत अधिक हो,
नहीं किसी को कम हो।
ऐसी शांति राज्य करती है
तन पर नहीं, हृदय पर,
नर के ऊँचे विश्वासों पर
श्रद्धा, भक्ति, प्रणय पर।
न्याय शांति का प्रथम न्यास है।
जब तक न्यास न आता।
जैसा भी महल शांति का,
सुदृढ़ नहीं रह पाता।
कृत्रिम शांति शशंक (कृत्रिम शांति) आप,
अपने से ही डरती है
खड़ग छोड़ विश्वास किसी का,
कभी नहीं करती है।
और जिन्हें इस शांति-व्यवस्था
में सुख-भोग सुलभ है,
उनके लिए शांति ही जीवन,
सार, सिद्धि दुर्लभ है।
प्रश्न. सामाजिक जीवन में अशांति का क्या कारण है?
प्रश्न. कवि किस प्रकार की शांति को महत्वपूर्ण मानता है?
प्रश्न. काव्यांश का संदेश क्या हो सकता है?