CBSEComprehension PassageEducationNCERT class 10thPoemsPoetryPunjab School Education Board(PSEB)ਅਣਡਿੱਠਾ ਪੈਰਾ (Comprehension Passage)

काव्यांश – चला आता है संगतकार का स्वर

चला आता है संगतकार का स्वर

जैसे समेटता हो मुख्य गायक का पीछे छूटा हुआ सामान

जैसे उसे याद दिलाता हो उसका बचपन

जब वह नौसिखिया था

तारसप्तक में जब बैठने लगता है उसका गला

प्रेरणा साथ छोड़ती हुई उत्साह अस्त होता हुआ

आवाज़ से राख जैसा कुछ गिरता हुआ

तभी मुख्य गायक को ढाढ़स बँधाता

कहीं से चला आता है संगतकार का स्वर

कभी-कभी वह यों ही दे देता है उसका साथ

यह बताने के लिए कि वह अकेला नहीं है

और यह कि फिर से गाया जा सकता है।

गाया जा चुका राग और उसकी आवाज़ में जो एक हिचक साफ़ सुनाई देती है |

या अपने स्वर को ऊँचा न उठाने की जो कोशिश है

उसे विफलता नहीं

उसकी मनुष्यता समझा जाना चाहिए।


काव्यांश के आधार पर दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए :-


प्रश्न 1. ‘आवाज़ से राख जैसा कुछ गिरता हुआ’ – से कवि का क्या अभिप्राय है?

प्रश्न 2. ‘संगतकार’ नौसिखिए का साथ क्यों देता है?

प्रश्न 3. संगतकार का मुख्य गायक के पीछे सुरों का साथ देना उसकी क्या विशेषता बताता है?