कविता : हर चेहरे पर मुस्कान हो
कविता : हर चेहरे पर मुस्कान हो
हर चेहरे पर मुस्कान हो
हर चेहरे पर मुस्कान हो
हर हाथ को काम हो।
गगन चुम्बी स्वाभिमान हो
हर भारतवासी कीर्तिमान हो।
वाणी में मिठास हो
सफलताओं की प्यास हो।
आलस्य को अवकाश हो
अनगिनत प्रयास हों।
कृषि का विकास हो
मजिलें आकाश हों।
अज्ञानता का नाश हो
हृदय में प्रकाश हो।
अन्न का भंडार हो
नित्य नए आविष्कार हों।
शिक्षा का संचार हो
प्रगति का विचार हो ।।