कविता : जग से न्यारा, देश हमारा


कविता : जग से न्यारा, देश हमारा


जय-जय प्यारा, जग से न्यारा

शोभित सारा, देश हमारा

जगत-मुकुट, जगदीश दुलारा

जग सौभाग्य देश। जय-जय प्यारा, भारत देश हमारा।

विविध वेश, भाषा है

तिरंगा इन्द्रधनुष सा रंग-बिरंगा

तेज-पुँज तपवेश | जय-जय प्यारा, देश हमारा।

जागृत कोटि-कोट जुग जीवे,

जीवन सुलभ अभी रस पीवे

सुखद वितान सुकृत का सीवे

रहे स्वतन्त्र हमेशा। जय-जय प्यारा, भारत देश हमारा।

महान है महान रहेगा देश हमारा

ऐसा मैने सोचा है, जग से न्यारा, देश हमारा।