कविता : कन्यादान


प्रश्न. ‘आग रोटियाँ सेकने के लिए है जलने के लिए नहीं’। उक्त पंक्ति से क्या संदेश दिया गया है।

उत्तर : इस पंक्ति में माँ अपनी बेटी को नसीहत दे रही है। वह कहती है कि आग की उपयोगिता घर में रोटियाँ सेंकने के लिए होती है, स्वयं के जलने के लिए नहीं। समाज में स्त्री की स्थिति अभी भी बहुत दयनीय है। दहेज लोभी लोग स्त्रियों को आग की भेंट चढ़ा देते हैं। या अत्याचार पूर्ण व्यवहार से तंग आकर कोई नववधू स्वयं को जलाकर आत्महत्या कर लेती है। इस पंक्ति का संदेश यही है कि कोई भी स्त्री अत्याचार को न सहे, उसका विरोध करे। न तो स्वयं को जलाकर आत्महत्या कर आग का दुरुपयोग करे और न ही किसी को हथियार के रूप में प्रयोग करने दे।