कविता : कन्यादान


प्रश्न. आपकी दृष्टि में कन्या के साथ दान की बात करना कहाँ तक उचित है? तर्क दीजिए।

उत्तर : हमारी दृष्टि से कन्या के साथ दान की बात करना सर्वथा अनुचित है। कन्या कोई वस्तु नहीं जिसका दान किया जा सके। उसका अपना स्वतंत्र अस्तित्व है। यह तो पुरुष-प्रधान समाज की न समझी का परिचायक है कि जिन बेटियों को हम देवी मानते हैं, उन्हीं को दान करने की बात कहते हैं।

जब लड़का-लड़की एक समान हैं तो दान की बात का कोई अस्तित्व ही नहीं होना चाहिए। यह सर्वथा अनुचित है।