कविता : उत्साह (निराला जी)
प्रश्न. कवि बादल से फुहार, रिमझिम या बरसने के स्थान पर ‘गरजने’ के लिए क्यों कहता है?
उत्तर : निराला जी की ‘उत्साह’ कविता एक आह्वान गीत है। जिसमें कवि क्रान्ति की अपेक्षा करते हुए बादलों से गर्जना करने को कहता है। बादलों की फुहार और रिमझिम से व्यक्ति के मन में कोमल भावनाओं का संचार होता है। ऐसे भावों से कवि का उद्देश्य पूरा नहीं होता। इसीलिए वह बादलों से गरजने के लिए कहता है। जिससे उदासीन लोगों के मन में उत्साह का संचार हो सके।