कक्षा 12वीं प्रश्न-उत्तर


प्रश्न. बात और शरारती बच्चे की बीच की समानता ‘बात सीधी थी पर’ शीर्षक कविता के संदर्भ में लिखिए।

उत्तर : बात भी शरारती बच्चे की तरह खेलती है। न तो उसमें कसाव होता है न ही कोई ताकत होती है। जब अपनी बात को सहज रूप से न कहकर तोड़-मरोड़कर कहने का प्रयास किया जाता है तो वह उलझती चली जाती है और शरारती बच्चे के समान प्रतीत होती है।