कक्षा 12वीं प्रश्न-उत्तर
प्रश्न. ‘विप्लव-रव से छोटे ही हैं शोभा पाते’ पंक्ति में ‘विप्लव’ से क्या तात्पर्य है? ‘छोटे ही हैं शोभा पाते’ ऐसा क्यों कहा गया है?
उत्तर : ‘विप्लव-रव’ से कवि का तात्पर्य क्रांति से है।
क्रांति गरीब लोगों या आम जनता में जोश भर देती है।
गरीब और आम जनता ही शोषण का शिकार होती है।
समाज में क्रांति इन्हीं से आरंभ होती है, इसलिए यही क्रांति के जनक होते हैं।
क्रांति का आगाज़ होते ही ये नए और सुनहरे भविष्य के सपने संजोने लगते हैं, जिसकी चमक इनके चेहरे पर स्पष्ट दृष्टिगोचर होती है।
इसलिए छोटे ही क्रांति (विप्लव-रव) के समय शोभा पाते हैं।