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एपगर आकलन क्या होता है?

जो भी इसे पढ़ रहा है, उसे जन्म लेने के पहले पांच मिनट के भीतर डॉ. वर्जीनिया एपगर की नज़रों से जरूर ही आंका गया होगा। नवजात के आकलन की वजह से शिशु मृत्युदर में कमी और जन्मजात विकृतियों की समझ में बड़ा परिवर्तन आया है।

प्राणी विज्ञान में बेइंतहा रूचि रखने वाली एपगर ने चिकित्सा शिक्षा के दौरान शिशुओं की स्थिति पर ध्यान देना शुरू किया था, तब शिशुओं की मृत्यु दर ज्यादा थी। एपगर ने शिशुओं की जन्म की स्थितियों पर केंद्रित एक प्रणाली विकसित की, जिसके तहत हर नवजात का पांच बिंदुओं के तहत आकलन किया जाने लगा।

यह पांच बिंदु हैं —

  1. ह्र्दयगति
  2. सांस लेने की क्षमता
  3. त्वचा का रंग (प्रकार, स्थिति)
  4. मांसपेशियों का लचीलापन
  5. त्वरित प्रतिक्रिया की क्षमता

यह प्रणाली ही नियोनोटोलॉजी यानि नवजात के चिकित्सा विज्ञान का आधार बनी। चिकित्सा के विद्यार्थियों ने एपगर के नाम का ही लघु रूप बनाकर इन बिंदुओं को याद बना लिया।

APGAR — Appearance, pulse, grimace, activity and respiration.


आकलन में हर बिंदु में 0, 1 और 2 अंक दिए जाते हैं। कुल अंक जितने ज्यादा हों, जो 10 के अंदर होते हैं, शिशु को उतना ही स्वस्थ माना जाता है।

अगर अंक 7 से कम हों तो पांच मिनट के बाद फिर जांचा जाता है। यह स्कोर दुनिया भर के नवजात शिशुओं के लिए जीवनरक्षक बन गया।