आशा
आशावान रहना ही प्रगति की राह है और जब मुश्किलें आएं, तो अटल रहते हुए उनका आकलन करके हल खोजना है।
प्रगति और विवेचना दोनों ही कर्म से जुड़े हैं।
जो कर्मबद्ध है, वो आशावादी है, मन से मजबूत है।निरंतर प्रयास करने का मंत्र उसे मालूम है। और प्रयास तो रुचि का प्रमाण है ही।