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आत्मसम्मान और आत्मनिर्भरता


इससे पहले कि सपने सच हों आपको सपने देखने होंगे।

• अगर तुम सूरज की तरह चमकना चाहते हो, तो पहले सूरज की तरह जलना सीखो।

• सपने वो नहीं हैं, जो आप नींद में देखते हैं। सपने तो वो हैं, जो आपकी नींद ही उड़ा दें।

हमें हार नहीं मानना चाहिए और न ही समस्याओं को खुद को हराने देना चाहिए।

मैं इस बात को स्वीकार करने के लिए हमेशा तैयार था कि मैं कुछ चीजें नहीं बदल सकता।

आइए हम अपने आज का बलिदान कर दें जिससे कि हमारे बच्चों का कल बेहतर हो सके।

सफलता का आनंद उठाने के लिए कठिनाइयां जरूरी हैं।

• छोटा लक्ष्य ठीक नहीं; महान लक्ष्य रखें।

आत्मसम्मान हमेशा आत्मनिर्भरता के साथ आता है।

महान शिक्षक ज्ञान, जुनून और करुणा से निर्मित होते हैं।

यदि हम स्वतंत्र नहीं हैं, तो कोई भी हमारा आदर नहीं करेगा।

डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम