आज का सुविचार (Quote)

कल मैं चालाक था, इसलिए दुनिया बदलना चाहता था। आज मैं बुद्धिमान हूँ, इसलिए खुद को बदल रहा हूँ।

जलालुद्दीन रूमी

अपने शब्दों को ऊंचा करो, आवाज़ नहीं। बारिश ही फूलों को बढ़ने देती है, उनकी गर्जना नहीं।

जलालुद्दीन रूमी