आज का सुविचार

यदि आत्मा भौतिक संसार में खुश रह पाए, तो यह संसार आत्म-सुधार का माध्यम नहीं बन पाता।

सांसारिक कष्ट हमें आनंद की खोज करते रहने के लिए बाध्य करते हैं और कई जन्मों की यह खोज अंततः हमें ईश्वर के चरणों में ले आती है।

इसलिए, जब तक हम माया के इस कारावास में हैं, हमें दुखों को देखकर आश्चर्यचकित नहीं होना चाहिए।

जीवन की परीक्षाएं और कष्ट हमें जीवन के बड़े सवालों के जवाब खोजने और ज्ञान प्राप्त करने के लिए मजबूर करते हैं, जो हमारे जीवन को बदलने में अमृत की तरह काम करते हैं।

स्वामी मुकुंदानंद