आज का सुविचार

कोई भी चीज अगर कभी-कभी होती है तो वो संस्कार नहीं है। संस्कार मतलब मेरा स्वभाव। जैसे किसी के अंदर विश्वास करने का संस्कार है। वो हरेक पर विश्वास करता है। किसी के अंदर शक करने का संस्कार है। किसी के अंदर शांत रहने का संस्कार है तो किसी के अंदर निश्चिंत रहने का संस्कार है।

संस्कार हमारी सबसे महत्वपूर्ण चीज है क्योंकि संस्कार से हमारे मन की स्थिति बनती है। संस्कार से स्वास्थ्य बनता है। संस्कार से ही हम काम करते हैं। सबकुछ तो संस्कार से बनता है।

अध्यात्मिक नियम है – संस्कार से संसार बनता है। मतलब मेरा संसार, मेरी दुनिया मेरे संस्कारों से बनती है। फिर सृष्टि भी उसी से ही बनती है।

सिस्टर शिवानी