आज का सुविचार

उपदेशक बनना सरल है।

सलाह देने में सबको रसपान -सा आनंद मिलता है, क्योंकि इसमें कष्ट नहीं उठाना पड़ता।

पर इसका प्रभाव पानी में बुलबुले की आयु जितना अल्प होता है।

आचरण की पुकार इतनी तेज और आकर्षक होती है कि वाणी का शोर उसमें गुम हो जाता है।

सरल शब्दों में कहें तो वाणी से ज्यादा आचरण का प्रभाव अधिक पड़ता है।

डॉ. ज्ञानवत्सल स्वामी