आज का सुविचार
इंसान खुद को उतना ही जानता है, जितनी उसकी परीक्षा हो चुकी है। यानि इंसान अपनी क्षमता से तब तक अपरिचित है, जब तक वह चुनौतियों से नहीं घिरता।
नोबल विजेता लेखिका शिम्बोर्स्का
इंसान खुद को उतना ही जानता है, जितनी उसकी परीक्षा हो चुकी है। यानि इंसान अपनी क्षमता से तब तक अपरिचित है, जब तक वह चुनौतियों से नहीं घिरता।
नोबल विजेता लेखिका शिम्बोर्स्का