अपनी हार 👎 को गरिमा 🙋 से स्वीकार 😀 करना ही इंसान की पहचान है।

  • विचारों को पढ़कर बदलाव नहीं आता है, विचारों पर चलकर ही बदलाव आता है।
  • अपने काम को सफल बनाने के लिए सही प्लानिंग और चिंतन जरूरी है। सफलता का राज हर दिन तय किए जाने वाले लक्ष्यों से जुड़ा है। इसलिए उत्साह के साथ हर दिन निश्चित लक्ष्य तय करना जरूरी है।
  • जब हम खुद पर ध्यान देने लगते हैं तो कई बंद दरवाजे खुलने लगते हैं। हमने जब तक खुद को सिर्फ यादों में डुबो रखा होता है, वही सबसे बड़ी गलती है। जब तक बुरी पुरानी यादों से नहीं निकलेंगे, तब तक खुश रहना मुश्किल है। इंसान के लिए यादों से ज्यादा जरूरी खुद पर ध्यान देना है ।
  • प्रकृति अपने विकास के पथ को कभी नहीं रोकतीप्रकृति से यही सीखने लायक है। हालात कितने ही विपरीत क्यों न हों, उठोजागो और रोज जीतो। प्रकृति ने हमें अपनी तरह से ही डिज़ाइन किया है, हम ही इस बात को समझ नहीं पाते।
  • जब इंसान की जरूरत बदलती है, तो उसका आपसे बात करने का तरीका भी बदल जाता है।
  • अपनी हार को मन से स्वीकारने वाला भी विजेता से कम नहीं होताहार अप्रत्याशित होती है। जब तमाम प्रयासों, प्रयत्नों, कोशिशों, संघर्षों और जुनून के बावजूद आप हार जाते हैं, तब अपनी हार को गरिमा से स्वीकार करना ही इंसान की पहचान है।
  • हमारे पास खुद को बनाने की अनंत सम्भावनाएं हैं। खुद की जड़ता के अलावा आज हमें कोई नहीं रोक सकता।
  • हमें किसी चीज में सर्वश्रेष्ठ बनने की बजाय खूब काम करने की जरूरत है। जीवन में अपने फैसलों को प्यार से अपनाना चाहिए, कि डर कर।
  • हम कोई भी काम करें, कोई भी प्रोफेशन या व्यवसाय चुनें, उस पर पूरी तरह फोकस करना चाहिए। कोई भी काम ‘हॉफ फोकस्ड’ होकर, होने का सुख नहीं देता है।
  • किसी काम को आप बीच में ही छोड़ देते हैं या आधा ही करते हैं, तो आप अंधों की दुनिया में काने राजा की तरह हैं।
  • ऐसे व्यक्ति से सावधान रहना चाहिए जो कुछ नया सीखना चाहता है और सीखता भी है। लेकिन उसे खुद में सुधार महसूस नहीं होता है।
  • हम वही बन जाते हैं जैसा हम बनने की कोशिश करते हैं, इसलिए किसी दूसरे व्यक्ति जैसा बनने से पहले थोड़ी सावधानी बरतनी चाहिए।
  • उम्र बढ़ना किसी निराशा से कम नहीं है। इसकी कोई दवा भी उपलब्ध नहीं है। अगर आप यह न समझे कि हंसना ही हर बात का इलाज है।