अपनी ताकत और कमजोरियों को स्वीकार करें


  • अगर किसी मनुष्य के दिल में आपके प्रति दुर्भावना है, तो आप तर्कों के सहारे उससे अपनी बात नहीं मनवा सकते।
  • काम में असफलता सामान्य बात है। केवल प्रयास के लिए सच्ची सराहना करनी चाहिए।
  • तारीफ उस व्यक्ति को मिलनी चाहिए, जो संघर्ष करता है, जिसका चेहरा धूल और पसीने से लथपथ होता है, जो बहादुरी से प्रयास करता है, जो गलतियां करता है और बार-बार असफल होता है।
  • जब कोई व्यक्ति पूरी कोशिश करने के बाद भी असफल होता है, तो उसे उसके प्रयास के लिए बधाई देना अच्छी आदत है।
  • किसी बुरी आदत को छोड़ने का एक अच्छा तरीका है, उसे पालना छोड़ दें। छोड़ने का मतलब है दृढ़ता से संकल्प लेना कि आप आगे उस चीज से संबंध नहीं रखेंगे, जो आपको नुक्सान पहुंचा रही है।
  • शिक्षा आपको स्वयं के सपनों को हासिल करने का सामर्थ्य प्रदान करती है।
  • अकेले अधिक समय बिताने से स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए खुशी के लिए लोगों से घुलते-मिलते रहें।
  • रिएक्शन और रेस्पॉन्ड में अंतर होता है। प्रतिक्रिया जल्दबाजी में हो सकती है, जबकि प्रत्युत्तर हमेशा नपा-तुला और संतुलित होना चाहिए।
  • अपने हर लम्हे, हर विचार के लिए खुद को जिम्मेदार ठहराएं। अपनी अंदरूनी ताकत को पहचानें, उसे मजबूत करें और आपके अंदर जो निंदक बैठा है, उसे चुप करा दें।
  • अपनी ताकत और कमजोरियों को स्वीकार करें लेकिन उनके अंतर को पहचानें। सफ़लता और भाग्य के बारे में अपनी धारणाओं को बदलें।
  • त्याग सिर्फ धार्मिक कृत्य नहीं, आंतरिक विकास व शुद्धि का साधन भी है। जीवन में आगे बढ़ने के लिए हर कदम पर त्याग की आवश्यकता होती है।
  • हर व्यक्ति के पास अद्वितीय प्रतिभाएं होती हैं और इनका सदुपयोग करके हम अपने आसपास के संसार पर सार्थक प्रभाव डाल सकते हैं।
  • रोशनी फैलाने के लिए दीया बनना जरूरी नहीं, आईना बनकर भी यह काम किया जा सकता है।
  • खुद को कभी हीन या श्रेष्ठ न समझें। श्रेष्ठता से अहंकार आता है और हीनता आत्मविश्वास कम करती है।
  • सिद्धांत, संघर्ष और समर्पण छात्र की सफलता की कुंजी है।