अपठित गद्यांश
दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
लोग कहते हैं कि आकाश और जमीन कभी एक नहीं होते और यह भी कहते हैं कि प्रकृति और पुरुष की धमाचौकड़ी में सदा प्रकृति पराजित होती है, पुरुष विजयी होता है। मेरा अनुरोध है कि देखें एक बार वे भारत के मुकुट कश्मीर को, जहाँ सुषमा हँसती है, सौंदर्य बिखरता है। झील के स्थिर पानी पर सूर्य की स्वर्ण लहरी उठती है। पहाड़ों पर बादलों की परत की इंद्रधनुषी तरंग पर जलतरंग की स्वर्ण लहरी उठती है। पहाड़ों पर बादलों की परत की परत आसमान से बातें करती दिखाई देती है और शिखर से नीचे देखने पर आकाश ही जमीन पर मालूम होता है।
अतएव,
देखकर जिससे जी न भरे ऐसी यहाँ की छटा है,
चखकर जिसका स्वाद न मिटे ऐसी यह खुराक है
और सुनकर जो कानों के बाहर न निकले ऐसा यह संगीत है।
यहाँ की चप्पे-चप्पे की ज़मीन कुदरत की ऐसी प्यारी देन है, जो इंसान नहीं गढ़ सकता, भगवान ही उसका निर्माण कर सकता है।
(क) लेखक के अनुसार कश्मीर का निर्माण किसने किया है?
(i) इंसान ने
(ii) भगवान ने
(iii) परिस्थिति ने
(iv) वातावरण ने
(ख) लेखक के अनुसार प्रकृति और पुरुष की धमाचौकड़ी में किसकी जय और किसकी पराजय होती है?
(i) प्रकृति पराजित और पुरुष विजयी होता है
(ii) प्रकृति विजयी और पुरुष पराजित होता है
(iii) दोनों पराजित होते हैं
(iv) दोनों विजयी होते हैं
(ग) “जो कानों के बाहर न निकले ऐसा यह संगीत है’, कहने का क्या अर्थ है?
(घ) पहाड़ों पर बादलों की परत किससे बातें करती है?
(ङ) ‘मेरा अनुरोध है कि देखें एक बार वे भारत के मुकुट कश्मीर को, जहाँ सुषमा हँसती है, सौंदर्य बिखरता है।’ यहाँ पर सुषमा से क्या अर्थ है?