अपठित गद्यांश
अपठित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
डॉ. कलाम का मानना था कि भारतवासियों को व्यापक दृष्टि से सोचना चाहिए। हमें सपने देखने चाहिए। सपनों को विचारों में बदलना चाहिए। विचारों को कार्यवाही के माध्यम से हकीकत में बदलना चाहिए। डॉ. कलाम तीसरे ऐसे वैज्ञानिक थे, जिन्हें भारत का सर्वोच्च सम्मान ‘भारत रत्न’ दिया गया। उन्हें ‘पद्मभूषण’ तथा ‘पद्मविभूषण’ से भी सम्मानित किया जा चुका है। भारत को उन पर गर्व है। इतनी उपलब्धियाँ प्राप्त करने तथा इतना मान सम्मान मिलने के बावजूद डॉ. कलाम को अहंकार छू तक नहीं पाया था। वे सहज प्रवृत्ति के एक भावुक व्यक्ति थे। उन्हें कविताएँ लिखना, वीणा बजाना तथा बच्चों के साथ रहना बेहद पसंद था। वे ‘सादा जीवन उच्च विचार’ में विश्वास रखते थे। कलाम साहब का व्यक्तित्व प्रेरणादायक है। उनका जीवन तपस्या से भरा था। उन्होने राष्ट्रपति पद की शपथ लेते समय दिए गए भाषण में संत कबीरदास जी के इस दोहे का उल्लेख किया था : “काल करै सो आज कर, आज करे सो अब।”
प्रश्न 1. ‘विचारों को हकीकत में बदलना’- से क्या तात्पर्य है?
प्रश्न 2. डॉ० कलाम को कौन-कौन से पुरस्कार मिले?
प्रश्न 3. डॉ कलाम का स्वभाव कैसा था?
प्रश्न 4. डॉ. कलाम के मुख्य शौक क्या थे?
प्रश्न 5. राष्ट्रपति पद की शपथ के समय डॉ. कलाम ने कबीर की पंक्ति “काल करे सो आज कर, आज करे सो अब ।” क्यों दोहराई?