अपठित गद्यांश : न्यायपलिका
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनकर लिखिए-
महिलाओं की मर्यादा और उनसे दुर्व्यवहार के मामले भी अन्य मामलों की तरह न्यायालयों में ही जाते हैं किंतु पिछले कुछ समय से ऐसे आचरण के लिए स्वयं न्यायपालिका पर अँगुली उठाई जा रही है। काफ़ी हद तक यह समस्या न्यायपालिका की नहीं, बल्कि पूरे समाज की कही जा सकती है। जज भी समाज के ही अंग हैं, इसलिए यह समस्या न्यायपालिका में भी दिखाई देती है। हमारे समाज में कानून के पालन को लेकर बहुत शिथिलता है और अक्सर कानून का पालन न करने को सामाजिक हैसियत का मानक मान लिया जाता है। वी.आई.पी. संस्कृति का छद्म सिद्धांत ही यह बना लिया गया है कि उसे सामान्य नियम-कानून नहीं पालन करने होते, क्योंकि वह महत्त्वपूर्ण व्यक्ति है। छोटे शहरों, कस्बों में सरकारी अफ़सरों की हैसियत बहुत बड़ी होती है और जज भी उन्हीं हैसियत वाले लोग में शामिल होते हैं। ऐसे में अगर कुछ जज यह मान लें कि वे तमाम सामाजिक मर्यादाओं से ऊपर हैं तो यह हो सकता है। माना यह जाना चाहिए कि जितने ज्यादा जिम्मेदार पद पर कोई व्यक्ति है, उस पर कानून के पालन की जिम्मेदारी भी उतनी ही ज्यादा है। खास तौर से जिन लोगों पर क़ानून की रक्षा करने और दूसरों से क़ानून का पालन कराने की ज़िम्मेदारी है, उन्हें तो इस मामले में बहुत ज्यादा सतर्क होना चाहिए, लेकिन प्रायः ऐसा होता नहीं है। इस समस्या की ओर कई वरिष्ठ जज और न्यायविद ध्यान दिला चुके हैं कि न्यायपालिका में निचले स्तर पर अच्छे जज नहीं मिलते। इसकी एक बड़ी वजह यह है कि अच्छे न्यायिक शिक्षा संस्थानों से निकले अच्छे छात्र न्यायपालिका में नौकरी करना पसंद नहीं करते, क्योंकि उन्हें कामकाज की परिस्थितियाँ और आमदनी, दोनों ही , आकर्षक नहीं लगतीं। नेशनल लॉ इंस्टिट्यूट को तो बनाया ही इसलिए गया था कि अच्छे स्तर के जज और वकील वहाँ से निकल सकें, लेकिन देखा यह गया है कि वहाँ से निकले ज्यादातर छात्र कॉर्पोरेट जगत में चले जाते हैं। अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों के छात्र भी बजाए जज बनने के, प्रैक्टिस करना पसंद करते हैं। जजों की चुनाव प्रक्रिया में कई खामियाँ हैं जिन्हें दूर किया जाना जरूरी है. ताकि हर स्तर पर बेहतर गुणवत्ता के जज मिल सकें।
प्रश्न. जजों को अधिक सतर्क होने की आवश्यकता है क्योंकि-
(क) उन पर क़ानून की रक्षा का दायित्व है।
(ख) उन्हें समाज के सामने आदर्श प्रस्तुत करना है।
(ग) वे क़ानून का पालन न करने वालों को दण्डित करते हैं।
(घ) उपर्युक्त सभी।
प्रश्न. वी.आई.पी. संस्कृति का छद्म सिद्धांत से अभिप्राय है-
(क) सामान्य नियम-कानून का पालन नहीं करना।
(ख) क़ानून की नज़र में सब समान हैं।
(ग) संविधान उनके अधीन हैं।
(घ) इनमें से कोई नहीं।
प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-
कथन (I) वी. आई. पी. का अर्थ वैरी इंटैलीजेंट पर्सन है।
कथन (II) वी. आई. पी. का अर्थ वैरी इंपोर्टटेंट पर्सन है।
कथन (III) वी. आई. पी. का अर्थ वैरी एलीजेबल पर्सन है।
कथन (IV) वी. आई. पी. का अर्थ वैरी एक्सीलेन्ट पर्सन है।
प्रश्न. गद्यांश के अनुसार कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
(क) केवल कथन (I) सही है।
(ख) केवल कथन (II) सही है।
(ग) केवल कथन (IV) सही है।
(घ) केवल कथन (III) सही है।
प्रश्न. अच्छे स्तर के जज और वकील प्राप्त करने के लिए किस इंस्टिट्यूट की स्थापना की गई?
(क) नेशनल क्राइम इंस्टिट्यूट।
(ख) नेशनल लॉ इंस्टिट्यूट।
(ग) पर्सनल लॉ बोर्ड इंस्टिट्यूट।
(घ) स्टेट लॉ बोर्ड इंस्टिट्यूट।
प्रश्न. हर स्तर पर बेहतर गुणवत्ता वाले जज प्राप्त करने का क्या उपाय है?
(क) जजों की इज्ज़त की जाए।
(ख) क़ानून पालन में छूट दी जाए।
(ग) जजों की चुनाव प्रक्रिया की कमियाँ दूर की जाएँ।
(घ) परीक्षा को आसान कर दिया जाए।
प्रश्न. नेशनल लॉ इंस्टिट्यूट के अच्छे छात्र वर्तमान समय में जज क्यों नहीं बनना चाहते हैं?
(क) चुनाव की प्रक्रिया में खामी है।
(ख) काम की परिस्थितियाँ अनुकूल नहीं हैं।
(ग) आमदनी कम है।
(घ) उपर्युक्त सभी।
प्रश्न. वर्तमान में न्यायपालिका में किस स्तर पर अच्छे जज नहीं मिलते हैं?
(क) उच्च स्तर पर।
(ख) मध्यम स्तर पर ।
(ग) निचले स्तर पर।
(घ) उपर्युक्त सभी।
प्रश्न. नेशनल लॉ इंस्टिट्यूट के अच्छे छात्र अधिकांश किस क्षेत्र में जाना पसंद करते हैं?
(क) प्रशासनिक सेवाएँ।
(ख) कार्पोरेट जगत।
(ग) राजनीतिक क्षेत्र ।
(घ) कृषि क्षेत्र।
प्रश्न. आजकल न्यायपालिका पर अंगुली क्यों उठाई जा रही है?
(क) गलत फैसलों के कारण।
(ख) कामचोरी की प्रवृत्ति के कारण।
(ग) महिलाओं की मर्यादा व उनसे दुर्व्यवहार के कारण।
(घ) घूसखोरी के कारण।
प्रश्न. ‘जजों की चुनाव प्रक्रिया में कई खामियाँ हैं जिन्हें दूर किया जाना चाहिए।’ यह वाक्य है-
(क) मिश्र
(ख) संयुक्त
(ग) सरल
(घ) अति सरल