अपठित गद्यांश : आज की युवा पीढ़ी
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनकर लिखिए-
युवा भारत
एक युवा अपनी जोश और ताक़त से पूरी तरह ओत-प्रोत होता है। युवा पीढ़ी किसी भी समाज और देश की रीढ़ की हड्डी होती है। किसी भी देश के युवा ही उस देश का भविष्य तय करते हैं। इसकी बानगी हम स्वाधीनता संग्राम में देख चुके हैं।
युवा की सबसे बड़ी खासियत है कि वह फ़ौलादी जिगर, दृढ़ इच्छा शक्ति, जोखिम लेने की क्षमता और कुछ नया करने की ललक रखते हैं। जब युवाओं की बात हो तो भला स्वामी विवेकानंद को कौन भूल सकता है, जो आज भी दुनिया के लाखों युवाओं के प्रेरणा स्त्रोत हैं। स्वामी विवेकानंद जी ने कहा था कि युवा ही राष्ट्र की वास्तविक शक्ति है। युवाओं को अवसर दिए बिना कोई भी देश प्रगति नहीं कर सकता है। आज भारत को हम सबसे बड़ा युवा देश कह सकते हैं, वह इसलिए नहीं कि देश अभी-अभी आज़ाद हुआ है बल्कि इसलिए क्योंकि इस समय भारत में युवा वर्ग की जनसंख्या पूरे विश्व के देशों से अधिक है।
युवा की विशेषता यही है कि उसके काम में तेजी, फुर्ती और एक नया जोश है, उसमें ऊर्जा की भरमार है। पर हाँ, यह नहीं कि युवाओं से बड़े, जिन्हें हम बुज़ुर्ग कह सकते हैं, उनकी ज़रूरत नहीं है, ऐसा कहना उचित नहीं है। बुज़ुर्ग भी देश के विकास के लिए उतने ही ज़रूरी हैं जितने युवा। इन दोनों के ताल-मेल से बड़े से बड़े कार्य को जल्द से जल्द और एक बेहतर तरीके से कर सकते हैं। बड़े बुज़ुर्ग अपने अनुभव और युवा अपनी ऊर्जा का उपयोग कर देश को नई उपलब्धि दिला सकते हैं। पर देश का दुर्भाग्य ही समझो कि युवा और बुज़ुर्गों के ताल-मेल में कमी आ रही है। हमारी संस्कृति जिसमें इन युवाओं को अपने बुज़ुर्गों से सीखना चाहिए वे उनसे दूर होते जा रहे हैं। आज का आधुनिकीकरण दोनों वर्गों में जैसे दीवार बन गया हो।
अब वक्त आ गया है कि युवा सक्रिय राजनीति में प्रवेश करें क्योंकि हमारी राजनीति बूढ़ी हो गई है और यह हमारे देश की अपेक्षा को पूरा नहीं कर सकती। भ्रष्टाचार को लगाम लगाने के लिए युवाओं को अब तैयार होना होगा। युवाओं को एक ज़िम्मेदार नागरिक बनना होगा। पढ़े-लिखे, ज्यादातर युवा राजनीति से दूरी बनाए रखते हैं, लेकिन कमल तोड़ना है तो कीचड़ में उतरना ही होगा। ठीक उसी प्रकार राजनीति में आए बिना राजनीति को शुद्ध करना संभव नहीं है। अतः मैं चाहता हूँ कि युवा राजनीति में प्रवेश करें। तभी देश के संसाधनों का सही इस्तेमाल होगा और तब जाकर कहीं शोषित-वंचित वर्ग को उनका हक मिल सकता है। अतः आज के युवाओं को अपनी ज़िम्मेदारी समझनी चाहिए और कोई भी काम व्यक्तिगत लाभ की बजाए समाज तथा देश हित में करना चाहिए। परिवार से समाज बनता है और समाज से देश बनता है। आज की युवा पीढ़ी का अपने परिवार की ओर उदासीनता देख मेरा मन काफ़ी व्यथित होता है। माँ-बाप सीमित संसाधनों में भी अपने बच्चों को तमाम सुख-सुविधा देने का भरसक प्रयास करते हैं, परंतु माँ-बाप का बोझ आज की हमारी युवा पीढ़ी नहीं उठा पा रही है। यह बड़े ही शर्म की बात है जिसने हमारी दुनिया को सजाया हो उसे हम युवा वृद्धाश्रम में छोड़ आते हैं। उनकी कुछ बुनियादी ज़रूरतों को भी पूरा नहीं कर पाते। और अगर एक युवा इतना भी नहीं कर सकता तो यह युवा पीढ़ी के लिए शर्म की बात है। अतः हमारे युवाओं को अपने परिवार के प्रति संवेदनशील और ज़िम्मेदार बनना होगा। मैं तो सोचता हूँ कि युवा पीढ़ी के रहते वृद्धाश्रम बनाना ही बड़े शर्म की बात है। समाज में हो रहे अन्याय के खिलाफ आवाज़ उठाना भी युवाओं की ही सामाजिक जिम्मेदारी है अर्थात् एक स्वस्थ समाज की संकल्पना तभी पूरी हो सकती है, जब हर एक युवा व्यक्ति ईमानदारी से अपने परिवार, समाज और देश के प्रति छोटी-छोटी ज़िम्मेदारियों को पूरा करेगा।
प्रश्न. भारत को ‘युवा भारत’ क्यों कहा जाता है?
(क) स्वतंत्रता प्राप्ति को अभी बहुत समय न होने के कारण
(ख) भारत की जनसंख्या विश्व में बहुत अधिक होने के कारण
(ग) भारत में युवाओं की संख्या अधिक होने के कारण
(घ) देश के विकास में युवाओं की सहभागिता अधिक होने के कारण
प्रश्न. युवा पीढ़ी को किसी भी देश की ‘रीढ़ की हड्डी’ क्यों कहा गया है?
(क) उसे दृढ़ता प्रदान करने की शक्ति के कारण
(ख) उसका भविष्य निर्माता होने के कारण
(ग) उसकी स्वतंत्रता की रक्षा करने के कारण
(घ) जोश और ताक़त से ओत-प्रोत होने के कारण
प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-
कथन (1) देश की राजनीति बूढ़ी हो गई है।
कथन (II) लोगों की अपेक्षाएँ अधूरी रह गई हैं।
कथन (III) देश के युवाओं से राजनीति में प्रवेश का आग्रह करने का मुख्य उद्देश्य देश की रक्षा करना है।
कथन (IV) देश के युवाओं को सब कुछ आता है।
सही कथन / कथनों वाले विकल्प को चयनित कर लिखिए-
(क) केवल कथन (IV) सही है
(ख) केवल कथन (II) सही है
(ग) केवल कथन (III) सही है
(घ) केवल कथन (I) सही है
प्रश्न. देश के विकास के लिए युवाओं और बुजुर्गों के बीच तालमेल क्यों ज़रूरी है?
(क) युवाओं का जोश और बुज़ुर्गों का संयम देश को नई उपलब्धि दिलवा सकता है।
(ख) युवाओं की ऊर्जा और बुज़ुर्गों का अनुभव देश को नई उपलब्धि दिलवा सकता है।
(ग) युवाओं की गति और बुज़ुर्गों का प्रबंधन देश को नई उपलब्धि दिलवा सकता है
(घ) युवाओं की फुर्ती और बुज़ुर्गों का धैर्य देश को नई उपलब्धि दिलवा सकता है
प्रश्न. युवाओं और बुजुर्गों के बीच बढ़ती खाई का क्या कारण है?
(क) व्यस्त जीवन-शैली
(ख) तकनीक का विकास
(ग) पाश्चात्य संस्कृति
(घ) आधुनिकीकरण
प्रश्न. विवेकानंद जी की दृष्टि में युवाओं के लिए शर्म की बात क्या है?
(क) बड़े-बुज़ुर्गों की उपेक्षा
(ख) युवा पीढ़ी की संवेदनहीनता
(ग) वृद्धाश्रमों का बनना-बनाना
(घ) युवाओं का गैर-ज़िम्मेदार रवैया
प्रश्न. युवाओं को अवसर देने से स्वामी विवेकानंदजी का क्या अभिप्राय था?
(क) देश की राजनीति में भागीदारी
(ख) देश के विकास में भागीदारी
(ग) देश की रक्षा में भागीदारी
(घ) देश की योजनाओं में भागीदारी
प्रश्न. ‘कमल तोड़ना है तो कीचड़ में उतरना ही होगा’ का आशय है-
(क) गंदगी को दूर करना है तो गंदगी में जाना ही होगा
(ख) कमल को पाना है तो गंदगी में पाँव रखना ही होगा
(ग) कुछ अच्छा पाने के लिए गंदगी में पैर रखना ही पड़ता है
(घ) देश में बदलाव लाने के लिए राजनीति का हिस्सा बनना पड़ता है
प्रश्न. एक स्वस्थ समाज की संरचना के लिए क्या आवश्यक है?
(क) अन्याय के खिलाफ आवाज़ उठाना
(ख) ईमानदारी से अपनी ज़िम्मेदारी पूरी करना
(ग) युवाओं और बुज़ुर्गों की सहभागिता
(घ) आधुनिक तकनीक का प्रयोग
प्रश्न. प्रस्तुत गद्यांश का उचित शीर्षक क्या होगा?
(क) युवा पीढ़ी और देश का भविष्य
(ख) बुज़ुर्गों का अनुभव
(ग) युवाओं का जोश
(घ) युवाओं का धैर्य