पठित काव्यांश : नर हो न निराश करो मन को
निम्नलिखित पठित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए :-
कुछ काम करो कुछ काम करो।
जग में रहकर निज काम करो।
यह जन्म हुआ किस अर्थ कहो
समझो जिससे यह व्यर्थ न हो।
कुछ तो उपयुक्त करो तन को
नर हो न निराश करो मन को।
प्रश्न 1. यहाँ कवि क्या संदेश देना चाहता है?
प्रश्न 2. कवि किसे व्यर्थ नहीं करने को कह रहा है?
प्रश्न 3. कवि किसे निराश न होने को कह रहा है?
प्रश्न 4. ‘जन्म’ व ‘अर्थ ‘शब्दों के विपरीत लिखें।
प्रश्न 5. इस पद्यांश का उचित शीर्षक लिखो।