अनौपचारिक पत्र : छोटे भाई को पत्र
अपने छोटे भाई को कुसंगति से बचाने के लिए पत्र।
परीक्षा भवन
मथुरा
3.12.20××
प्रिय अनुज
शुभाशीर्वाद !
कल ही माता जी का पत्र मिला। यह पढ़कर अत्यंत दुख हुआ कि इस वर्ष अर्धवार्षिक परीक्षा में तुम्हें केवल 45 प्रतिशत अंक प्राप्त हुए हैं। यह सब कुसंगति का परिणाम है। तुम गलत मित्रों की संगति में पड़ गए हो, इसलिए पढ़ाई की स्थिति बिगड़ती जा रही है। बुरी संगति अनेक बुराइयों को जन्म देती है। इससे समय तो नष्ट होता ही है, साथ ही स्वास्थ्य भी नष्ट हो जाता है। धीरे-धीरे उसमें बुराइयाँ आने लगती हैं, झूठ बोलना, चोरी करना, सभी बुरी आदतें व्यक्ति को कहाँ-से-कहाँ पहुँचा देती हैं। इसलिए तुम सत्संगति का महत्त्व समझकर गलत लोगों से दूर रहने का प्रयास करो क्योंकि बुरी संगति मनुष्य को पतन की ओर अग्रसर करती है तो सत्संगति हमें निरंतर प्रगति के पथ पर ले जाती है।
आशा करता हूँ कि तुम मेरी कही गई बातों पर ध्यान देते हुए बुरी संगति से दूर रहने का प्रयास करोगे।
तुम्हारा अग्रज
क०ख०ग०