अनुच्छेद लेखन : विद्यालय में वन महोत्सव
विद्यालय में वन महोत्सव
प्रकृति सदैव मनुष्य की सहचरी रही है, किंतु जब मनुष्य ने अपने हित के लिए प्रकृति का दोहन आरंभ किया, तो कठिनाई उत्पन्न हो गई और अनेक दुष्परिणाम सामने आए। विश्व ने गंभीरता को समझा, अनेक सजग प्रयास आरंभ हुए और पाँच जून (5 जून/ ५ जून) का दिन विश्व पर्यावरण दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। हमारे विद्यालय में भी पर्यावरण सुरक्षा-संबंधी अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिनमें सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण है-वृक्षारोपण कार्यक्रम। इस वर्ष यह वन महोत्सव कार्यक्रम ……….. (यहां तारीख़ लिखें) को मनाया गया। प्राइमरी कक्षाओं में प्रकृति से संबंधित चित्रकला प्रतियोगिताएँ आयोजित की गईं। माध्यमिक कक्षाओं में कविता-कहानी-नाटक प्रतियोगिताएँ आयोजित की गई। उच्च कक्षाओं द्वारा मुख्य कार्यक्रम असेंबली में किया गया। लगभग एक घंटे के कार्यक्रम में नृत्य-नाटिका के माध्यम से प्रकृति एवं पर्यावरण सुरक्षा के महत्त्व पर प्रकाश डाला गया। मुख्य अतिथि हमारे क्षेत्र के मंत्री महोदय थे। उन्होंने एक संक्षिप्त भाषण दिया और फिर वह क्षण आ ही गया जिसकी प्रतीक्षा में हम सब थे। मंत्री महोदय, प्रधानाध्यापिका जी और अन्य गणमान्य अतिथियों ने कुछ पौधे लगाए। विशेष आकर्षण यह था कि सभी छात्रों को एक-एक पौध दी गई। समाज में जागरूकता फैलाने का इससे अच्छा उपाय और क्या हो सकता है? हम सब बहुत उत्साहित थे, मानो अपने मित्र को अपने साथ घर लिए जा रहे हों। वह दिन बीत गया, किंतु हमारे जीवन को सदा के लिए और समृद्ध बना गया।